Monday, May 18, 2015

Jeena chahta hu tumhare sath...


Jeena chahta hu tumhare sath aise ki
ashq tumhare ho pr palke meri ho.
khwab tumhare ho pr unhe dekhne wali aankhe meri ho.


khushiya meri ho pr muskurane wale honth tumhare ho.
saanse meri ho pr zindgi tumhari ho.


yaade meri ho pr khayal tumhara ho.
dil mera ho aur dhadkan tumhari ho.


ehsaas mera ho pr baahe tumhari ho.
mannat meri ho pr jannat tumhari ho.


jeena chahta hu aise ki tum khud se hi puchho ki
main tum mein hu ya tum mujh mein ho...
jeena chahta hu aise...

Tuesday, April 1, 2014

हे मालिक अब रहम कर

हे मालिक अब रहम कर ।
आज फिर चोट खा कर गिरा हूँ ।
पहले से ज्यादा ज़ख्म इस दिल पर लगे हैं ।

इस ज़िंदगी में कोई सहारा नहीं है ।
हर तरफ दूर तक अँधेरा है ।

एक तुझसे ही आस लगाये बैठा हूँ ।
एक तेरा ही इस नन्ही जान को सहारा है ।

कहीं तो ख़ुशी कि किरण दिखा ।
ताकि कल फिर हिम्मत कर उठ सकूँ ।
इस जिंदगी में कुछ करने को ।

नहीं तो जीने की चाह ख़त्म हो जाएगी  ।
और ये ज़िंदगी अँधेरे में गुम हो जाएगी ।
अपने चरणों में ये अर्ज़ कबूल कर ।

हे मालिक अब रहम कर ।



 

Friday, March 7, 2014

नन्ही सी चिड़िया

हर चिड़िया अपने घोंसले से निकल रही है ।
कभी खाने की तलाश में तो कभी मंजिल की ।
चाहती है अपने सपनों को जीना ।
सपना यही की नाम कमाना चाहती है ।
इसके लिए कभी अपने आप से लड़ रही है ।
तो कभी शिकारियों से जान बचाती फिर रही है ।
हर पल अपनी ज़िंदगी दाँव पर लगा रही है ।

जो इस जिंदगी की जंग जीत रही है -
वो सायना नेहवाल, सुनीता विलियम्स की तरह नाम कमा रही है।
जो कैसे भी लड़ रही है, वो जी रही है ।
और जो शिकारियों का शिकार हो रही है
वो कभी दामिनी, कभी निर्भया, तो कभी गुड़िया बन दुनिया में दम तोड़ रही है ।

Monday, February 10, 2014

मेरी खूबसूरत जिंदगी


यही है मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा ।
जब मैं परीक्षा में प्रथम  आया वो लम्हा ।
या फिर जब मुझे ईनाम मिला वो लम्हा ।
जब मैंने आखिरी गेंद पर छक्का मारकर टीम को जीत दिलाई वो लम्हा ।
और जब स्कूल की प्रतियोगिता में जीत कर घर आया वो लम्हा ।
जब माँ ने सिर  पर हाथ सहला कर माथे को चूमा वो लम्हा ।
वो जब  पापा ने सहारा देकर साईकिल , स्कूटर चलाना सीखाया वो लम्हा ।
या जब मैंने घर का नुकसान किया और माँ-पापा ने पूछा तुझे तो चोट नहीं आई वो लम्हा ।
या किसी लड़की  को प्रोपोज़ करने का लम्हा ।
या किसी का प्रोपोज़ कबूल करने का लम्हा ।
या गर्लफ्रेंड से पहली मुलाकात का वो लम्हा ।
या जब मुझे पहली नौकरी मिली वो लम्हा ।
या जब पहली सैलरी अपने माँ-पापा के हाथ में दी वो लम्हा ।
या जब मेरी शादी हुई वो वाला लम्हा ।
या जब एक बच्चे का तोहफा मिला वो लम्हा ।
या फिर जब बच्चे ने पहली बार माँ/पापा कहा वो वाला लम्हा ।
या जब बच्चे ने मेरा नाम रोशन किया वो लम्हा ।
या फिर जब मेरे माता-पिता ने कहा हमारे सारे सपने पूरे कर दिए और कुछ नही चाहिए ये वाला लम्हा ।
या जब मेरे बच्चे की शादी का लम्हा ।
या जब मैं दादा/नाना बना वो लम्हा ।
जब भी ज़िन्दगी ने ख़ुशी दी तो यही मेरी जुबान पर आया ।
यही है मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा ।
इन सब लम्हों को ज़िंदगी ने संजोया, तो क्यों ना ये कहूँ - " मेरी खूबसूरत जिंदगी "




Tuesday, January 28, 2014

मेरा इंडिया या मेरा भारत


आज जब सुबह घर से निकलता हूँ तो
एक बच्चे के हाथ में स्कूल बैग  और
एक को लंच बॉक्स लेकर काम पर जाते हुए देखता हूँ ।

किसी को खाना पसंद ना आने पर कूड़ेदान में फैंकते देखता हूँ,
तो वहीँ किसी गरीब को वो खाना उठाकर खाते हुए देखता हूँ ।

किसी को रुपये-पैसों की सुरक्षा के लिए कर्मचारी रखे देखता हूँ,
तो किसी को पैसे कमाने के लिए कर्मचारी बने देखता हूँ ।

किसी को फैशन में गर्मी में हद से ज्यादा कपड़े पहने देखता हूँ ,
तो किसी को ठिठुरती सर्दी में भी फटे हुए कपड़े पहने देखता हूँ ।

कोई २-४ परिवार के सदस्यों के लिए १० मंज़िल का मकान बनाता है ,
तो किसी को आसमान की छत के नीचे सोते हुए देखता हूँ ।

कहीं समुंदर पर बड़े-बड़े पुल बने देखता हूँ,
तो वहीँ गाँवों में उबड़-खाबड़ रास्तों पर चलकर लोगो को घर जाते देखता हूँ ।

जहाँ महानगरों में दिन में भी बड़ी-बड़ी इमारतों को जगमगाता हुआ पाता हूँ,
तो कहीं छोटी सी झोपड़ी में रात को मोमबती की रोशनी में बच्चों को पढ़ाई करते देखता हूँ ।

जहाँ एक तरफ इंडिया के क्रिकेट में हारने पर लोगों की आँखे नम देखता हूँ,
तो कहीं शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए भी लोगों को मुस्कुराते हुए देखता हूँ ।

आज जब घर से निकलता हूँ तो
अपने इंडिया और अपने भारत में फर्क देखता हूँ । । ।

 

Wednesday, January 8, 2014

आज फिर जीने को दिल चाहता है...

poem dil jeena jina romantic alone sea smile sweet sadआज..., कुछ करने को दिल चाहता है |
आज..., तेरी यादों में गुम हो जाने को दिल चाहता है |
आज..., तेरे पास आने को दिल चाहता है |
आज..., तेरे साथ मुस्कुराने को दिल चाहता है |
आज..., तेरी बाहों में खोने को दिल चाहता है |
आज..., तेरा होने को दिल चाहता है |
आज..., तेरे रूठने पर तुझे मनाने को दिल चाहता है |
आज..., तुझे अपना बनाने को दिल चाहता है |
आज..., तेरे साथ कहीं दूर जाने को दिल चाहता है |
आज..., तेरे साथ बारिश में भीगने को दिल चाहता है ।
आज..., समुंदर किनारे तेरा हाथ थम कर चलने को दिल चाहता है |
आज..., तेरे साथ हर ख़ुशी जीने को दिल चाहता है |
आज..., आज फिर जीने को दिल चाहता है ...